नई दिल्ली. देशों की सैन्य ताकत का सालाना आकलन करने वाली संस्था ग्लोबल फायर पावर के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की सैन्य ताकत हर मामले में भारत से आधी है। भारत के पास 2185 लड़ाकू विमान हैं। पाकिस्तान के पास सिर्फ 1281 फाइटर प्लेन हैं। भारत के पास 4426 जबकि पाकिस्तान के पास सिर्फ 2182 टैंक हैं। 136 देशों के इंडेक्स में भारत चौथे नंबर पर है। पाकिस्तान का 17वां नंबर है। ग्लोबल फायर पावर के 2018 के इंडेक्स में यह जानकारी सामने आई थी।
दैनिक भास्कर ने भारत और पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को लेकर एयरफोर्स और आर्मी के रिटायर्ड अफसरों से बात की। उनका कहना है कि भारत की जैश के ठिकानों पर ताजा कार्रवाई के बाद अगर पाकिस्तान युद्ध का रास्ता अपनाता है तो यह उसके लिए आत्महत्या करने जैसा होगा।
'पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर भी अलग-थलग'
ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आर विनायक ने कहा, 'पाकिस्तान कोई भी स्ट्राइक करने के काबिल नहीं है। वो सिर्फ आतंकियों के सहारे प्रॉक्सी वॉर कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान सिर्फ चीन की ओर देख सकता है। वो यूएन में जाकर भी बस चिल्ला भर सकते हैं, लेकिन अभी पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ा हुआ है, इसलिए कुछ नहीं होगा।'
'भारत की तीनों सेनाओं का पंच बेहद स्ट्रॉन्ग'
विनायक ने आगे बताया, 'हमारी आर्मी प्रोफेशनल है। हमारी क्षमता काबिले तारीफ है। हमारी तीनों सेनाओं की ऊर्जा काफी मजबूत है। इनके साथ मिलने से जो जो मुठ्ठी बनती है उसका पंच बहुत स्ट्रॉन्ग होता है।' हमारे पास मिराज 2000 जैसे लड़ाकू विमान हैं जो 40,000 फीट ऊपर से एक बाल्टी के अंदर भी बम गिरा सकते हैं।'
'पाक के खिलाफ एक्शन ही विकल्प'
विनायक ने कहा 'भारत को यह जवाब देना ही था, जिस तरह उन्होंने हमारे सीआरपीएफ काफिले पर हमला कर 40 बहादुर जवानों को मारा था, तो ये कार्रवाई जरूरी थी। उन्हें पता चलना चाहिए था कि भारत से टकराएंगे तो चूर-चूर हो जाएंगे। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा। सैन्य कार्रवाई ही इसका एकमात्र विकल्प है।'
'पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव भी बढ़ाना होगा'
विंग कमांडर (रिटायर्ड) मनीष मिश्रा ने कहा, 'पाकिस्तान हमारे आगे कहीं नहीं ठहरता लेकिन बौखलाहट में वह कुछ तो करेगा ही, हमें सतर्क रहने की जरूरत है। जो किया गया वो जरूरी था, समय की मांग थी। हर देशवासी मांग कर रहा था कि पाकिस्तान को उचित जवाब देना चाहिए और हमने वो जवाब दिया। हमने पाकिस्तान के ऊपर हमला नहीं किया है। हमने आतंकी कैंपों पर हमला किया है।'
मिश्रा ने युद्ध की संभावनाओं पर कहा कि हमें एकजुट रहने की जरूरत है। राजनीतिक मतभेद में ना पड़ें। धर्म-जाति के चक्कर में ना पड़ें और हर तरह की जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इसके साथ ही पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ाना होगा। जो देश पाकिस्तान के खिलाफ हैं, उन्हें एकजुट करना होगा।'
'थिंक टैंक में शामिल हों युद्ध के अनुभवी सैनिक'
मिश्रा ने यह भी कहा कि हम सुरक्षाबलों के साथ हैं। पूरा देश उनके साथ है। सैनिकों का मनोबल देशवासियों से बढ़ता है, हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं तो उनका मनोबल बढ़ता है। सुरक्षा के लिए थिंक टैंक में हमें ऐसे भूतपूर्व सैनिकों को शामिल करने की आवश्यकता है, जो फील्ड में रहें हों और युद्ध में भाग लिया हो।
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