Tuesday, February 26, 2019

जंग हुई तो बुरी तरह हारेगा पाकिस्तान, भारत के पास उससे 100% ज्यादा सैन्य ताकत

नई दिल्ली. देशों की सैन्य ताकत का सालाना आकलन करने वाली संस्था ग्लोबल फायर पावर के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की सैन्य ताकत हर मामले में भारत से आधी है। भारत के पास 2185 लड़ाकू विमान हैं। पाकिस्तान के पास सिर्फ 1281 फाइटर प्लेन हैं। भारत के पास 4426 जबकि पाकिस्तान के पास सिर्फ 2182 टैंक हैं। 136 देशों के इंडेक्स में भारत चौथे नंबर पर है। पाकिस्तान का 17वां नंबर है। ग्लोबल फायर पावर के 2018 के इंडेक्स में यह जानकारी सामने आई थी।

दैनिक भास्कर ने भारत और पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को लेकर एयरफोर्स और आर्मी के रिटायर्ड अफसरों से बात की। उनका कहना है कि भारत की जैश के ठिकानों पर ताजा कार्रवाई के बाद अगर पाकिस्तान युद्ध का रास्ता अपनाता है तो यह उसके लिए आत्महत्या करने जैसा होगा।

'पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर भी अलग-थलग'
ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आर विनायक  ने कहा, 'पाकिस्तान कोई भी स्ट्राइक करने के काबिल नहीं है। वो सिर्फ आतंकियों के सहारे प्रॉक्सी वॉर कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान सिर्फ चीन की ओर देख सकता है। वो यूएन में जाकर भी बस चिल्ला भर सकते हैं, लेकिन अभी पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ा हुआ है, इसलिए कुछ नहीं होगा।'

'भारत की तीनों सेनाओं का पंच बेहद स्ट्रॉन्ग'
विनायक ने आगे बताया, 'हमारी आर्मी प्रोफेशनल है। हमारी क्षमता काबिले तारीफ है। हमारी तीनों सेनाओं की ऊर्जा काफी मजबूत है। इनके साथ मिलने से जो जो मुठ्ठी बनती है उसका पंच बहुत स्ट्रॉन्ग होता है।' हमारे पास मिराज 2000 जैसे लड़ाकू विमान हैं जो 40,000 फीट ऊपर से एक बाल्टी के अंदर भी बम गिरा सकते हैं।'

'पाक के खिलाफ एक्शन ही विकल्प'
विनायक ने कहा 'भारत को यह जवाब देना ही था, जिस तरह उन्होंने हमारे सीआरपीएफ काफिले पर हमला कर 40 बहादुर जवानों को मारा था, तो ये कार्रवाई जरूरी थी। उन्हें पता चलना चाहिए था कि भारत से टकराएंगे तो चूर-चूर हो जाएंगे। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा। सैन्य कार्रवाई ही इसका एकमात्र विकल्प है।'

'पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव भी बढ़ाना होगा'

विंग कमांडर (रिटायर्ड) मनीष मिश्रा ने कहा, 'पाकिस्तान हमारे आगे कहीं नहीं ठहरता लेकिन बौखलाहट में वह कुछ तो करेगा ही, हमें सतर्क रहने की जरूरत है। जो किया गया वो जरूरी था, समय की मांग  थी। हर देशवासी मांग कर रहा था कि पाकिस्तान को उचित जवाब देना चाहिए और हमने वो जवाब दिया। हमने पाकिस्तान के ऊपर हमला नहीं किया है। हमने आतंकी कैंपों पर हमला किया है।'

मिश्रा ने युद्ध की संभावनाओं पर कहा कि हमें एकजुट रहने की जरूरत है। राजनीतिक मतभेद में ना पड़ें। धर्म-जाति के चक्कर में ना पड़ें और हर तरह की जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इसके साथ ही पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ाना होगा। जो देश पाकिस्तान के खिलाफ हैं, उन्हें एकजुट करना होगा।'

'थिंक टैंक में शामिल हों युद्ध के अनुभवी सैनिक'
मिश्रा ने यह भी कहा कि हम सुरक्षाबलों के साथ हैं। पूरा देश उनके साथ है। सैनिकों का मनोबल देशवासियों से बढ़ता है, हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं तो उनका मनोबल बढ़ता है। सुरक्षा के लिए थिंक टैंक में हमें ऐसे भूतपूर्व सैनिकों को शामिल करने की आवश्यकता है, जो फील्ड में रहें हों और युद्ध में भाग लिया हो।

Wednesday, February 20, 2019

पिछले 8 साल में सशस्त्र बलों के 892 कर्मियों ने की आत्महत्या, सेना के जवान ज्यादा

साल 2011 से 2018 के बीच भारतीय सशस्त्र बलों (सेना, वायु सेना, नौसेना) के 892 कर्मियों ने आत्महत्या कर ली है. संसद में पिछले वर्षों में पूछे गए सवालों से यह आंकड़ा सामने आया है. आत्महत्या करने वालों में सेना के जवान ज्यादा हैं.

आंकड़ों के मुताबिक 2011 में 132, 2012 में 111, 2013 में 117, 2014 में 112, 2015 में 86, 2016 में 129, 2017 में 101 और 2018 में 104 मामले सामने आए. इन आठ वर्षों में आर्मी के 707, एयरफोर्स के 148 कर्मियों और नेवी के 37 कर्मियों ने सुसाइड किया है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2011 में सेना के जवानों के सुसाइड की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हुआ था और उस साल आत्महत्या के 105 वाकये सामने आए थे. इसी तरह साल 2016 में भी सेना में आत्महत्या से 101 मौतें हुई थीं.

पिछले तीन साल की बात करें तो साल 2016 में सैन्य कर्मियों के आत्मदाह के 129 मामले, 2017 में 101 मामले और 2018 में 104 मामले सामने आए. साल 2016 में आर्मी में सुसाइड के 104 मामले, नेवी में 6 मामले और एयरफोर्स में 19 मामले सामने आए. इसी तरह 2017 में आर्मी में सुसाइड के 75, नेवी में 5 और एयरफोर्स में 21 मामले सामने आए. साल 2018 में आर्मी में सुसाइड के 80, नेवी में 8 और एयरफोर्स में 16 मामले सामने आए.

यही नहीं, परेशानी और हताशा की वजह से सैन्य कर्मियों के अपने साथी सैनिकों या परिजनों पर गोलीबारी के भी बहुत सारे वाकए सामने आए हैं. साल 2016 में ऐसे 3 मामले, 2017 में ऐसा एक मामला और 2018 में एक मामला सामने आया है. आर्मी यानी थल सेना में हर साल आत्महत्या से औसतन 88 मौतें, एयर फोर्स में 18.5 मौतें और नेवी में 4.5 मौतें हुईं.

संसद में इस बारे में पिछले महीने पूछ गए एक सवाल के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने बताया था कि सशस्त्र बलों में कामकाज के स्वस्थ माहौल को बनाने के लिए सरकार द्वारा कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा था, 'कपड़ों, खाने-पीने, परिवार के साथ रहने, यात्रा सुविधा, स्कूल, मनोरंजन, योगा, मेडिटेशन, स्ट्रेस मैनेजमेंट आदि के मामले में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है. यही नहीं, सेना के उत्तरी और पूर्वी कमांड में जवानों के तनाव को कम करने के लिए 'मिलाप' और 'सहयोग' जैसे प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं.

जवानों की प्रोफेशनल तरीके से काउंसलिंग करने के लिए सेना और वायु सेना ने एक हेल्पलाइन की शुरू की है. ऐसा नहीं कि तनाव और अन्य वजहों से आत्महत्या करने का यह मामला सिर्फ सैन्य बलों में हो. अर्द्ध सैनिक बलों में भी आत्महत्या के वाकए सामने आते रहे हैं. साल 2012 से 2015 के बीच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)  के 149 जवानों ने आत्महत्या कर ली. इसी तरह, सीआईएसएफ में इस दौरान 56 कर्मियों और आईटीबीपी एवं एसएसबी के 25 जवानों ने आत्महत्या कर ली.

गाड़ी से उतरकर बेलकर अपने कैंप में वापस आ गए और अपने गांव के लिए निकल पडे. लेकिन रास्ते में कुछ ही घंटे बाद उन्हें पता चला कि जिस गाड़ी से बेलकर बटालियन के साथ कश्मीर के लिए निकलने वाले थे उसी गाड़ी पर आतंकी हमला हो गया और इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए. बेलकर अगली सुबह अपने गांव पहुंच गए, लेकिन उन्हें अपने 40 साथियों की मौत का गहरा सदमा है. उन्होंने मीडिया के सामने आकर कुछ भी कहने से मना कर दिया. बेलकर के परिवार को भी इस घटना से सदमा पहुंचा. शादी का जश्न मातम में बदल गया.

आजतक से खास बातचीत में थाका बेलकर के पिता ने बताया की 'हमें अपने बेटे के घर वापस आ जाने की खुशी से ज्यादा इस बात का गम है कि मेरे 40 बेटों की जान चली गई. हमले की घटना के बाद हम सब दुखी हैं. अपने बेटे की शादी हम बिना किसी तामझाम के करेंगे. ठका बेलकर की ताई का कहना है कि इस हमले के बाद उनके यहां शादी को लेकर कोई उत्साह नहीं है. हम आगे कोई खरीदारी नहीं कर रहे. शादी का माहौल होने के बाद भी हमारा मन खरीदारी करने को नहीं हो रहा.

Thursday, February 7, 2019

कांग्रेस ने कहा- सत्ता में आए तो तीन तलाक कानून खारिज करेंगे, यह मुस्लिम पुरुषों के खिलाफ

कांग्रेस ने दावा किया है कि अगर केंद्र में उसकी सरकार बनी तो वह तीन तलाक कानून खत्म कर देगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देब ने यहां पार्टी के अल्पसंख्यक अधिवेशन में यह बात कही। इस दौरान राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी निशाना साधा। 

सुष्मिता ने कहा, ‘‘मोदीजी ने मुस्लिम महिलाओं को मुस्लिम आदमियों से लड़ाने का काम किया। हमने ट्रिपल तलाक कानून का विरोध इसलिए किया, क्योंकि वह एक और हथियार है मुसलमान पुरुषों को जेल और थाने मेें खड़ा करने का। 2019 में हमारी सरकार बनेगी और हम इस कानून को खारिज करेंगे।’’

राहुल ने कहा- हर सिस्टम में संघ के लोग

राहुल ने कहा, ‘‘संघ वाले हर सिस्टम में अपने लोग डालते हैं। उनका लक्ष्य हिंदुस्तान के हर संस्थान को खत्म करना है। नरेंद्र मोदी सिर्फ फ्रंट फेस हैं। संघ अध्यक्ष मोहन भागवत पूरे देश को पीछे से चलाएंगे। संघ कहता है कि हिंदुस्तान के संविधान को परे कर दिया जाए और देश को नागपुर से चलाया जाए।’’

2019 में जीत का दावा

राहुल ने कहा, ‘‘हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री सिर्फ देश को जोड़ने का काम कर सकता है, अगर वह ऐसा नहीं करेगा तो उसे हटा दिया जाएगा। कांग्रेस ने मोदी की और उनके 15 साल तक राज करने के दावे की धज्जियां उड़ा दी हैं। 2019 में नरेंद्र मोदी, भाजपा और संघ को कांग्रेस पार्टी हराने जा रही है।’’

अब कोने-कोने से लोग कहते हैं- चौकीदार चोर है

राहुल ने कहा, ‘‘भाजपा के लोग कहते थे अच्छे दिन, दूसरी तरफ जनता कहती थी कि आएंगे। अब देश में कांग्रेस पार्टी का नेता नहीं, दिल्ली-महाराष्ट्र के किसी भी कोने में कोई कहता है चौकीदार...(लोगों ने चोर है-चोर है की आवाज लगाई)। मैं चौकीदार से माफी मांगना चाहता हूं कि आप बहुत अच्छा काम करते हो, मैं सिर्फ एक चौकीदार की बात करता हूं जो (लोगों ने चोर है-चोर है की आवाज लगाई)। मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि मैं आपको बदनाम नहीं कर रहा।’’

अलग-अलग धर्म के लोगों ने हिंदुस्तान बनाया

राहुल ने कहा, ‘‘यह देश किसी एक जाति-धर्म-भाषा का नहीं है। यह देश हिंदुस्तान के हर व्यक्ति का है। लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच में है। एक विचारधारा कहती है कि यह देश सबका है। मैं उदाहरण देना चाहता हूं। हिंदुस्तान के पहले शिक्षा मंत्री कौन थे? मौलाना आजाद। आप अगर आईआईटी और आईआईएम, शिक्षा व्यवस्था की बात करते हो तो आपको मौलाना आजाद की बात करनी पड़ेगी। स्पेस प्रोग्राम की नींव विक्रम साराभाई ने रखी, वह जैन धर्म के थे। अगर आप सफेद क्रांति की बात करते हो तो आपको कुरियन की बात करनी होगी। अगर आप 1971 जंग की बात करते हो तो आपको मानकेशॉ की बात करनी होगी। लिबरलाइजेशन की बात करते हो तो आपको मनमोहन सिंह की बात करनी होगी।’’

हम संस्थानों की रक्षा करेंगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री होते हुए सुप्रीम कोर्ट के चार जज बाहर आकर कहते हैं कि हमें काम नहीं करने दिया जा रहा है। जस्टिस लोया का नाम लेते हैं और इनडायरेक्टली कहते हैं अमित शाह भाजपा के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट को काम नहीं करने दे रहे हैं। ये अपने आपको हिंदुस्तान के ऊपर समझते हैं। यह सोचते हैं कि देश नीचे है और हम ऊपर। तीन महीने में यह देश इनको समझाने जा रहा है कि देश ऊपर है और आप नीचे।’’